मोदी जी के शब्दकोष में मजदूरों कामगारों, पेंशनधारकों के लिए केवल कोरी शब्दाँजलि मात्र है! वे हर आपदा में, हर शिलान्यास में, हर उदघाटन में,भाजपा की और खुद की अनवरत जीत के सरोकार से ओतप्रोत रहते हैं! मोदी जी ने मजदूर समर्थक सभी कानून खत्म कर दिये, वे केवल अमीरों उद्योगपतियों के पक्ष में धड़ धड़ कानून बनाते रहे! 5 साल हो गये उन्होंने पूर्व संचार मंत्री मनोज सिन्हा के वादे के अनुसार PSU (BSNL)कर्मचारियों की पेंशन Delink नही की है!
इन सबके बावजूद मैं मोदी विरोधी नही हूँ,क्योंकि उनके शानदार प्रधानमंत्रित्व काल में भारत ने विकास की ऊंची उड़ान भरी है! वेशक मोदी जी के बफादार पूंजीपतियों ने अपने देश के अलावा अंतर्राष्ट्रीय बाजार से भी कमाया है! इस तरह देश की सकल आमदनी का एक बड़ा हिस्सा ये पूंजीपति ही हैं ,जिन्हें हम घृणा की दृष्टि से देखते हैं!
मैं हमेशा उस विपक्ष का समर्थक रहा हूँ,जिसने जम्मू और कश्मीर के पीड़ित पलायन हिंदुओं या गरीब मुस्लिमों के लिये ,खासतौर से इस्लामिक आतंकवाद से पीड़ित हिंदू दलित जन जातियों के लिये कभी सांत्वना के दो बोल भी खर्च नहीं किए! मुझे उस विपक्ष का समर्थक, होने पर पीड़ा होती है जिसने 2007 से अब तक बदनाम PFI की अलगाववादी और हिंदूविरोधी हरकतों पर एक शब्द नहीं लिखा!
इन विसंगतियों के बावजूद कांग्रेस और राष्ट्रवादी विपक्ष को ये हक है कि वेे जनता के सामने सीना तानकर खड़ें हों और कहें कि 8 साल पहले कैग (CAG) के एक आदमी (Vinod Rai) ने घोषणा की थी कि यूपीए- 2 याने मनमोहनसिंह सरकार ने एक लाख छिहत्तर हजार करोड़(1,76,000 हजार करोड़) का घोटाला किया है! इसी झूठी तोहमत से यूपीए को बदनाम कर मोदी ब्रिगेड सत्ता में आई थी! उस आरोप का क्या हुआ? यदि आरोप सच था तो यूपीए का मंत्री संतरी कोई भी जेल में क्यों नहीं! यदि आरोप गलत था तो भाजपा और उसके झूठे समर्थकों को डॉ मनमोहनसिंह से माफी मांगनी चाहिये कि नही?
दूसरे आदमी (Anna Hazare) ने इस घोटाले को लेकर ,लोकपाल बिल को लेकर और स्विस बैंक में जमा काले धन की बात को जनता को भड़काने के लिए भयानक दुष्प्रचारणीय आंदोलन चलाया.
तीसरी-अण्णा हजारे के सुर में सुर मिलाने वाली महत्वाकांक्षी महिला (Kiran Bedi) ने कांग्रेस और मनमोहनसिंह की खूब लानत मलानत की!
चौथा-आदमी (Kejriwal) भी भ्रस्टाचार और अण्णा हजारे वाले लोकपाल आंदोलन के कंधों पर चढ़कर,दिल्ली राज्य की सत्ता के अंगूर खाने में सक्षम हो गया!
पांचवें आदमी स्वामी (Baba Ramdev) ने 2G-3G स्पेक्ट्रम घोटाले को को भुनाने के लिए सलवार सूट पहिना और आंदोलन के मंच से ही भाग खड़ा हुआ!
छठा आदमी (Subramanian Swami) इस मुद्दे को लेकर आज भी संघर्ष कर रहा है! बंदा सुप्रीम कोर्ट भी गया.
सातवें आदमी (Modi Ji) ने उपरोक्त बंदों की मेहनत को कंपाइल करके उसमें हिंदुत्व का बघार लगाया और विकास का नमक डालकर देश की जनता से उक्त मुद्दों पर जनादेश प्राप्त किया! यूपीए के उक्त घोटालों के खिलाफ, स्विस बैंकों से कालाधन वापिस लाने के लिये वोट मांगा ! परिणाम स्वरूप उन्हें दो-दो बार प्रचंड बहुमत प्राप्त हुआ! उम्मीद है कि 2024 में तीसरी बार भी केंद्र में भाजपा की ही सरकार बनेगी!
अब पूरे 8 साल बाद..सवाल क्यों नही पूछे जा हैं कि:-
घोटाले के सभी आरोपी बरी क्यों हो गए ?
क्या स्पेक्ट्रमव घोटाला हुआ ही नहीं था?
अब पहला आदमी (विनोद राय) पद्म भूषण पाकर बैंक बोर्ड का बॉस कैसे बना दिया गया?
दूसरा आदमी अन्ना हजारे Z+ लेकर लंबी तानकर क्यों सो गया ?
तीसरी महिला (किरन बेदी) उप राज्यपाल हैं!
चौथा आदमी (अरविंद केजरीवाल) दिल्ली का मुख्यमंत्री हैं!
पांचवां आदमी (बाबा रामदेव) अरबों का कामयाब बिजनेसमेन बन गया!
छठा आदमी (सुब्रमण्यम स्वामी) सांसद बन गया!
सातवां आदमी भारत का प्रधानमंत्री बन गया..
और आप सब बेवक़ूफ़ बन गए!!
सही मायनों में मजाक इसी को कहते हैं !!
राष्ट्रीय वेदना जनहित में जारी!
जागो हे अंतर्मन श्रीराम तिवारी !!
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें