रविवार, 23 अक्तूबर 2022

विरासत और सियासत

 मानव -सभ्यताओं के इतिहास में ,मानव जीवन के अतीत में,जो-जो गरिमामय -जीवनदायक तत्व खोजे गये,जिन मानवीय धीरोदात्त चरित्रों ,आदर्शों ,मूल्यों सिद्धान्तों और वैज्ञानिक आविष्कारों से यह धरती वीरप्रसूता और शस्य श्यामला बनी, जिन उपादानों से ,उत्पादन के साधनों के अन्वेषण से जीवमात्र को शुकुन और शांति मिली,जिन सिद्धांतों -मूल्यों में स्वतंत्रता ,समानता ,भ्रातत्व और सुख समृद्धि का भाव पुष्पित पल्लवित हुआ ,उन्हें हमें 'अतीत की विरासत' कहते हैं।

जिन कारणों से मनुष्य स्वार्थी बर्बर और हैवान बना, जिन आविष्कारों से धरती की जीवन्तता को खतरा बढ़ा, जिन-जिन कारणों से जल-जंगल -जमीन का क्षरण हुआ, जिन रीति रिवाजों से सामाजिक विषमता निर्धनता बढ़ी, जिन कारणों से एक बदमाश व्यक्ति ताकतवर बना और सत्यनिष्ठ व्यक्ति कमजोर हुआ, जिन कारणों से एक गुंडा किसी सहज सरल सचरित्र मनुष्य का शोषण-उत्पीड़न करता है,जिन कारणों से इस दुनिया में युद्ध ,महायुद्ध और तथाकथित धर्मयुध्द लड़े जाते रहे ,जिस वजह से भाई-भाई में भी बैरभाव उत्पन्न हो जाता है उसे हम सत्ता की *सियासत* कहते हैं।

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