रविवार, 16 अक्तूबर 2022

ऐंसा पहली बार हुआ! "

 विगत साढ़े आठ साल से यह पद बंध याने कि *जुमला* सुन सुनकर लोगों को यकीन होने लगा है कि बाकई इस दौर की हर अच्छी उपलब्धि पहली बार ही हूई है! 7-8 साल पहले यह जुमला कुछ ज्यादा ही चलन में रहा है कि 'ऐसा पहली बार हुआ '! इस जुमले को जुमलेबाज ही ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं। यह प्राकृतिक न्याय का सिद्धांत है कि राजनीति में यदि साम्प्रदयिक और कूढ़मगज लोगों को यदि सत्ता का स्वाद चखने को मिल जाए तो वे एक घातक मानसिक बीमारी से ग्रस्त हो जाते हैं। उन्हें जिस विषय का ज्ञान ही नहीं होता वे उस विषय में भी बढ़चढ़कर अपनी ऊलजलूल प्रतिक्रियाएँ देनेके लिए उतावले रहते हैं.!

कुछ नेता गण यह कहते फिरते हैं कि कांग्रेस ने 75 वर्षों में कुछ नहीं किया ।आश्चर्य की बात है कि इनमें से 99% नेताओं का जन्म भी नहीं हुआ था जब देश आजाद हुआ और नेहरू ने विकास की नींव रखी। आज देश एक समृद्ध देश है जरुरत की हर चीज है।आज के नेतृत्व वल को सबकुछ विरासत में मिल गया। इस पर ऐशो-आराम करने वाले लोगों की राजनीति बस इतनी ही है कि कांग्रेस का विरोध करते हुए अपने शान शौकत पर अरबों रुपये खर्च करते रहो ।लोगों को जात पात धर्म मंदिर मस्जिद में उलझा हुआ रहने दो ।
भारत में जबसे केंद्रीय सत्ता परिवर्तन हुआ है तबसे सोशल मीडिया में और राजनैतिक गलियारों में एक वाक्य बहुश्रुत है कि '' ऐसा पहली बार हुआ है ''! वे भूल जाते हैं कि आदिमकाल से सब कुछ पहली बार से ही शुरूं हुआ है !
सामान्य बुद्धि का व्यक्ति भी जानता है कि हरेक की जिंदगी में जो कुछ होता है वह पहली बार अवश्य होता है। जब कोई स्त्री माँ बनती है तो उसके जीवन में दूसरी बार यह हो न हो लेकिन 'पहली बार' यह अवश्य होता है। जब कोई व्यक्ति बीमार पड़ता है ,जब कोई व्यक्ति धोखा खाता है ,जब किसी को कोई सफलता मिलती है ,जब कोई हारता है और जब कोई जीत हासिल होती है तो यह सिलसिला पहली बार से ही आगे बढ़ता है।
'भारत ने आजादी हासिल की' यह भी तो पहली बार ही हुआ है ,वरना गुलामी तो बार-बार इस मुल्क को डसती रही है। भारत टेस्ट क्रिकेट में इंदौर में पहली बार जीता या फलाँ खिलाड़ी ने ओलम्पिक में अमुक खेल में पहली बार गोल्ड मेडल हासिल किया। यह जुमला हर इंसान,हर समाज और हर मुल्क में पहली बार से ही शुरूं होता है! यही कुदरत का नियम है। हरेक इंसान पहली बार ही मरता है ,लेकिन ऐंसा कहा नहीं जाता कि 'फलाँ पहली बार मरा या अमुक पहली बार मरा !
श्रीराम तिवारी !
See insights

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें