शनिवार, 8 अक्तूबर 2022

तेरी बर्बादियों के घातक मशविरे हैं आसमानों में,

 सरकार भले ही खुशफहमी में हो ,किंतु कश्मीर घाटी में हालात ठीक नहीं हैं! धारा 370 हटने पर भी कोई सुधार नही आया है! अब तो ये हालत है कि हिंदू नाम ही काफी है आतंकवाद का शिकार होने के लिए! वे दुष्ट आतंकी कश्मीर,बंगाल और अन्य मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में PFI के मंच से एक तरफ संविधान की दुहाई देते रहे और दूसरी ओर पाकिस्तान की शै पर बर्बरतापूर्वक असहाय हिंदुओं का कत्लेआम करते रहे!

कश्मीर में तो नाम पूछकर, हिंदू समझते ही गोली मार देते हैं। भारत की धर्मनिरपेक्ष आवाम को याद रखना होगा कि रक्तरंजित घाटी में आतंकी यह नहीं पूछते की आप में से दलित कौन है? पिछड़ा कौन है? और अगड़ा कौन है?उन्हें तो जिबह के लिए एक अदद सिर्फ हिंदू चाहिये !
"कौम की फिक्र कर नादां,मुसीबत आने वाली है,
तेरी बर्बादियों के घातक मशविरे हैं आसमानों में,
न समझोगे गर तुम अहिंसा धर्मनिरपेक्षता वालो,
तुम्हारी दास्तान भी न होगी तारीखी दास्तानों में "

हिंदू समाज की सहिष्णुता बेमिसाल है,वह हिंसक दुर्जनों /दुष्टों के साथ एक -दो दिन नही, महिना -दो महिना नहीं साल -दो साल नही, बल्कि सैंकड़ों साल रहकर भी अपनी इंसानियत नही छोड़ पाया!

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