सोमवार, 10 अक्तूबर 2022

इस दौर की असल सूरत बेहद डरावनी है।

 इस दौर की असल सूरत बेहद डरावनी है।

वर्चुअल इमेज आकर्षक और लुभावनी है।।
पूंजीवादी लुटेरों की लूट यथावत कायम हैं ,
सरकारी क्षेत्र का निजीकरण तस्वीर डरावनी है!
शासन-प्रशासन,पुलिस,सेना सरकार बेलगाम,
और संसदीय प्रजातंत्र की सूरत डरावनी है!!
सूचना संचार क्रांति की असीम अनुकम्पा से,
सोशल मीडिया का दुरुपयोग भयदायनी है।
जो साम्प्रदायिकता ओढ़े और जातियता बिछाये,
लोकतांत्रिक में सत्ता उसकी अंकशायनी है!!
इस दौर की असली सूरत बेहद डरावनी है !
वर्चुअल इमेज आकर्षक और लुभावनी है!!

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