यह सर्वविदित है कि BSNL बनने के तत्काल बाद से ही केंद्र सरकार के इशारे पर BSNL की दूर संचार सेवाएं बाधित की जातीं रहीं हैं! चूँकि देश के अंदरूनी-ग्रामीण क्षेत्रों और कश्मीर जैसे संवेदवनशील इलाकों में निजी क्षेत्र की सेवाएं नही हैं! अत: सारा नुकसान केवल BSNL को भुगतना पड़ रहा है !
पहले तो केंद्र सरकार ने हरेक स्पेक्ट्रम की नीलामी से BSNL को बाहर रखा और बाद में सिलेक्टैड Grand बोली के बराबर धनराशी BSNL से लूटी गई! ADC और USO फंड बंद कर दैने से BSNL की साख को बहुत बट्टा लगा ! इस तरह केंद्र सरकार की लूटखोरी और विनाशकारी नीतियों के कारण BSNL को बहुत घाटा उठाना पड़ रहा है! किंतु सरकार न तो नुकसान की भरपाई करती है और न BSNL को आगे बढ़ने देती है!
बी एस एन एल कान्ट्रेक्ट लेबर की मामूली सी मजदूरी देने में भी केंद्र सरकार सहयोग नही कर रही है,जबकि देश की खातिर BSNL कश्मीर और NE में करोड़ों का घाटा उठा रहा है!
खबर है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निजी कंपनियों की टैरिफ बढ़ाओ नीति पर नकेल कसने के लिये और भारत के संवेदनशील इलाकों में राष्ट्रविरोधी हरकतों पर लगाम लगाने के लुिये BSNL को 164000 करोड़ रुपए का बूस्टर डोज दैने का निर्णय लिया है! इस बम्फर डोज में
BSNL का कर्ज और ग्रामीण क्षेत्रों में घाटा उठाकर 4 G/5 G उत्कृष्ट सर्विस लाँच करने का संकल्प लिया है!
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