एक बार अमेरिका में
कैलीफोर्निया की सड़कों के किनारे
पेशाब करते हुए देख एक बुजुर्ग आदमी को पुलिसवाले पकड़ कर उनके घर लाए
निर्देश दिया कि वो उस शख्स का बेहतरीन ढंग से ख़याल रखें औऱ उन्हें घर से
बाहर न निकलने दें ।
दरअसल वो बुजुर्ग बिना बताए
कहीं भी औऱ किसी भी वक़्त घर से बाहर निकल जाते थे और ख़ुद को भी
नहीं पहचान पाते थे ।
बुजुर्ग की पत्नी ने पुलिस वालों को
शुक्रिया कहा और अपने पति को प्यार से संभालते हुए कमरे के भीतर ले गईं।
पत्नी उन्हें बार बार समझाती रहीं कि
तुम्हें अपना ख्याल रखना चाहिए।
ऐसे बिना बताए बाहर नहीं निकल जाना चाहिए।तुम अब बुजुर्ग हो गए हो,
साथ ही तुम्हें अपने गौरवशाली
इतिहास को याद करने की भी
कोशिश करनी चाहिए।
तुम्हें ऐसी हरकत नहीं करनी चाहिए
जिससे शर्मिंदगी महसूस हो ।
जिस बुजुर्ग को पुलिस बीच सड़क से
पकड़ कर उन्हें उनके घर ले गई थी,
वो किसी ज़माने में अमेरिका के जाने-माने फिल्मी हस्ती थे।
लोग उनकी एक झलक पाने के लिए
तरसते थे।
उनकी लोकप्रियता का आलम ये था कि
उसी के दम पर वो राजनीति में पहुंचे
और दुनिया के सबसे शक्तिशाली व्यक्ति
बनकर उभरे तथा एकदिन वो अमेरिका के राष्ट्रपति बने।
नाम था रोनाल्ड रीगन।
1980 में रीगन अमेरिका के राष्ट्रपति बने
और पूरे आठ साल दुनिया के सबसे शक्तिशाली व्यक्ति रहे।
राष्ट्रपति रहते हुए उन पर गोली भी चली।
कई दिनों तक अस्पताल में रहने के बाद जब वो दोबारा व्हाइट हाऊस पहुंचे तो उनकी लोकप्रियता दुगुनी हो चुकी थी।
रीगन अपने समय में अमेरिका के सबसे लोकप्रिय नामों में से एक थे।
राष्ट्रपति पद से हटने के बाद जब वो
अपनी निज़ी नागरिकता में लौटे
तो कुछ दिनों तक सब ठीक रहा।
पर कुछ दिनों बाद उन्हें अल्जाइमर की
शिकायत हुई और धीरे-धीरे वो
अपनी याददाश्त खो बैठे।
शरीर था।
यादें नहीं थीं।
वो भूल गए कि एक समय था जब लोग
उनकी एक झलक को तरसते थे।
वो भूल गए कि उनकी सुरक्षा दुनिया की
सबसे बड़ी चिंता थी।
रिटायरमेंट के बाद वो सब भूल गए।
पर अमेरिका की घटना थी तो बात
सबके सामने आ गई कि
कभी दुनिया पर राज करने वाला ये शख्स
जब यादों से निकल गया तो वो नहीं रहा,
जो था।
मतलब उसका जीवन होते हुए भी
खत्म हो गया था।
ताकतवर से ताकतवर चीज़ की भी एक एक्सपायरी डेट होती है ।
इसलिए जीवन में कभी किसी चीज़ का
अहंकार हो जाए तो श्मशान का
एक चक्कर जरुर लगा आना चाहिए ,
वहाँ एक से बढ़कर एक बेहतरीन शख्सियत राख बने पड़े हैं ।
अहंकार व्यर्थ है चाहे वो सत्ता का हो,
धन का हो या फ़िर
अपने बाहुबल का...
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