बुधवार, 17 अगस्त 2022

हिंदू राष्ट्र और अमृत महोत्सव

 बातें हिंदू राष्ट्र की और अमृत महोत्सव मनाने की।1450 साल पहले दुनिया में जितने धर्म मजहब थे वे सब सत्य करुणा,अहिंसा,प्रेम,विश्व कल्याण का संदेश देते रहे! बादमें ऐंसी गड़बड़ हुई कि:- "रहिमन फाटे दूध का मथे न माखन होय"

आज तक जातिगत भेदभावों से मुक्त नहीं हो पाये। छुआछूत, ऊंच-नीच कहीं आसमान से नहीं टपका बल्कि जिस सनातन पर गर्व कर रहे हैं वहीं पैदा हुई सनातनी परंपरा हैं।।
जातियों में बांटने वालों ने आज तक माफ़ी नहीं मांगी। शर्म आनी चाहिए कि हम एक सड़े गले समाज में रह रहे हैं।।।
राजस्थान में हुई अमानवीय घटना पर Rajendra Chaturvedi लिखते हैं......
आपको ये तो पता है ही कि राजस्थान के जालौर में 'एक निजी स्कूल' में मास्टर के मटके को छूने वाले एक दलित बच्चे को इतना पीटा गया कि उसकी मौत हो गई। यानी इस घटना पर विस्तार से बात करने का कोई मतलब नहीं है।
मतलब की बात केवल इतनी है कि 'एक निजी स्कूल' 'एक निजी स्कूल' की रट मीडिया लगाए हुए है, फेसबुक पर भी यही रट लगी हुई है। और तो और दलितों की राजनीति करने वाली बहन मायावती, भाई चन्द्रशेखर रावण भी 'एक निजी स्कूल' ही कह रहे हैं।
वह 'एक निजी स्कूल' मात्र नहीं है। उस स्कूल का नाम सरस्वती विद्या मंदिर है।
जब आप नाम लेने में ही डरोगे तो फासीवाद से घण्टा लड़ोगे।
नोट-सरस्वती शिशु मंदिर और सरस्वती विद्या मंदिर नामक स्कूल आरएसएस द्वारा चलाए जाते हैं, अखिल भारतीय विद्या भारती शिक्षा संस्थान नाम की संस्था के जरिए।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें