🤔🤔 *भारतीय शादी में डिशेज और उन्हें खाने वालों को देखकर बेहोश हुआ विदेशी नागरिक*
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इदौर । मंगलवार की रात को एक पारंपरिक भारतीय शादी में भोजन और उन्हें खाने वालों को देखकर एक विदेशी नागरिक बेहोश हो गया। इस जर्मन नागरिक ने बाद में पुलिस को दिए बयान में कहा कि शादीमें 105 तरह की डिशेज देखकर वह डिप्रेशन में चला गया और सुध-बुध खो बैठा।
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इदौर । मंगलवार की रात को एक पारंपरिक भारतीय शादी में भोजन और उन्हें खाने वालों को देखकर एक विदेशी नागरिक बेहोश हो गया। इस जर्मन नागरिक ने बाद में पुलिस को दिए बयान में कहा कि शादीमें 105 तरह की डिशेज देखकर वह डिप्रेशन में चला गया और सुध-बुध खो बैठा।
मैक्सिम पोर्की नामक यह विदेशी अपने एक आईएएस अधिकारी मित्र के बेटे के मैरिज रिसेप्शन में भाग लेने खास तौर पर जर्मनी से भारत आया था। एक निजी अस्पताल में डिप्रेशन का इलाज करवा रहे मैक्सिम ने बताया, “रिसेप्शन में हर जगह बस एक ही चीज नजर आ रही थी- खाने के स्टॉल। मैं एक स्टॉल पर गया तो वहां भारतीय शैली में चाइनीज खाना पराेसा जा रहा था- मंचुरियन, नूडल्स पता नहीं क्या-क्या। मैंने उन्हें खाना शुरू ही किया था कि मेजबान ने टोक दिया। कहा, ‘मैक्सिम थोड़ा ही खाना। ये तो स्टारटर है।’ वहां 20 तरह के स्टारटर थे। मेरा तो वहीं पेट भर गया।”
उसने आगे बताया, “फिर मेरे मेजबान मुझे मेन कोर्स पर ले गए। वहां दस तरह के सलाद, अचार, पापड़। पच्चीस तरह की सब्जियां थीं। मुझे तो उनके नाम भी याद नहीं। फिर मैंने देखा कि एक जगह ढाबा लिखा हुआ था। वहां भी कई तरह की रोटियां और सब्जियां थीं। फिर स्वीट्स के स्टाल, मानो मिठाई की दुकान सजी हो।” मैक्सिम ने बताया, “मुझे यह देखकर ही बेहोशी छाने लगी थी, लेकिन मैं अपने अाप को कंट्रोल किए हुए था। लेकिन फिर मैंने ऐसे कई लोगों को देखा जिन्हाेंने अपनी प्लेटों में कम से कम 25 आइटम रख रखे थे। सब दबा के खाए भी जा रहे थे। यहां तक भी मैं कंट्रोल करने की कोशिश कर रहा था। मैंने सोचा पानी पी लूं तो कुछ जी हल्का हो जाएगा। पानी पीने गया तो वहां लोगों के बोल सुनकर मेरे तो होश ही उड़ गए। इसके बाद मैंने खुद को इसी अस्पताल में पाया।”
तो आपने क्या सुना था?
इसके जवाब में मैक्सिम ने बताया,
*“25-30 आइटम खाने के बाद जब लोग पानी पीने आए तो आपस में बात कर रहे थे- अरे यार, खाने में मजा ही नहीं आया। इससे अच्छा खाना तो गोयलजी के यहां खाया था।*
उसने आगे बताया, “फिर मेरे मेजबान मुझे मेन कोर्स पर ले गए। वहां दस तरह के सलाद, अचार, पापड़। पच्चीस तरह की सब्जियां थीं। मुझे तो उनके नाम भी याद नहीं। फिर मैंने देखा कि एक जगह ढाबा लिखा हुआ था। वहां भी कई तरह की रोटियां और सब्जियां थीं। फिर स्वीट्स के स्टाल, मानो मिठाई की दुकान सजी हो।” मैक्सिम ने बताया, “मुझे यह देखकर ही बेहोशी छाने लगी थी, लेकिन मैं अपने अाप को कंट्रोल किए हुए था। लेकिन फिर मैंने ऐसे कई लोगों को देखा जिन्हाेंने अपनी प्लेटों में कम से कम 25 आइटम रख रखे थे। सब दबा के खाए भी जा रहे थे। यहां तक भी मैं कंट्रोल करने की कोशिश कर रहा था। मैंने सोचा पानी पी लूं तो कुछ जी हल्का हो जाएगा। पानी पीने गया तो वहां लोगों के बोल सुनकर मेरे तो होश ही उड़ गए। इसके बाद मैंने खुद को इसी अस्पताल में पाया।”
तो आपने क्या सुना था?
इसके जवाब में मैक्सिम ने बताया,
*“25-30 आइटम खाने के बाद जब लोग पानी पीने आए तो आपस में बात कर रहे थे- अरे यार, खाने में मजा ही नहीं आया। इससे अच्छा खाना तो गोयलजी के यहां खाया था।*
बस मैंने यही आखिरी शब्द सुने थे। इसके बाद से ही मैं डिप्रेशन में हूं।
😣😂😂.
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