चाहे CAA/NRC /NPR का मसला हो, चाहे JNU/जामिया मिलिया कांड हो या शाहीनबाग का मजहबी धरना हो,हर जगह वामपंथियों और कांग्रेसियों ने खूब शिद्दत से आंदोलन में शिरकत की! किंतु जब दिल्ली का चुनाव हुआ तो जीत का सेहरा आप और ड्रामेबाज केजरीवाल के सिर बंधा किंतु कांग्रेस और वामपंथ तो जीरो बटा सन्नाटा!आइंदा भी हर राज्य विधान सभा चुनाव में यही होने वाला है कि जनता की लड़ाई वामपंथ और कांग्रेस लड़ेंगे!किंतु सत्ता का फल कोई क्षेत्रीय दल खाएगा और BJP सेकिंड नंबर पर आकर जनता पर देशद्रोह का आरोप लगाएगी!
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