मंगलवार, 31 दिसंबर 2019

हारे को हरि नाम है

पूँजी श्रम और ज्ञान है ,
जीने का सब सामान है!
फिर भी सिस्टम नाकाम है ,
जनगण की नींद हराम है ?
प्रजातंत्र की बलिहारी है,
यहाँ हारे को हरि नाम है!
सब द्वंदों से दुराधर्ष है !
भय भूंख महा संग्राम है 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें