मंगलवार, 31 दिसंबर 2019

CAA/NRC

वास्तव में CAA पड़ोसी मुल्कों से धार्मिक उत्पीड़न के आधार पर भगाये गये 2014 तक,गैर मुस्लिमों को शरण देनें का हक देता है!किंतु CAA के खिलाफ उग्र आंदोलन से प्रतीत होता है कि शायद पड़ोसी मुस्लिम देशों के मुसलमान भी वहाँ धार्मिक आधार पर उत्पीड़न के शिकार रहे हैं! इसलिये वे भी भारत में ही बसे रहना चाहते हैं और यही वजह है कि वे CAA का विरोध कर रहे हैं!किंतु सवाल यह है कि इन शरणार्थी मुस्लिमों ने ऐंसा आंदोलन पाकिस्तान या अपने मूल वतन में क्यों नही किया?जब वहाँ अन्याय हुआ तब आवाज क्यों नही उठाई? भारत के शाहीनावाद में धरने पर बैठे लोग यदि बाकई शरणार्थी हैं,तो भारत सरकार को यह मसला UNO में ले जाना चाहिये और जिन देशों से ये मुसलमान आये हैं, उनसे सफाई मांगनी चाहिये!और यदि ये आंदोलनकारी पैदायशी भारतीय हैं तो उन्हें आश्वस्त किया जाए कि CAA से आपका कोई लेना देना नही है!क्योंकि आप घुसपैठिया नही हैं!चूँकि मोदी सरकार इस काम में विफल रही है अत: यह काम देश के धर्मनिर्पेक्ष लोकतांत्रिक विपक्ष को करना चाहिये! याद रहे कि देशभक्ति भाजपा और मोदी सरकार की निजी मिल्कियत नही है!

केंद्र सरकार ने कश्मीर से धारा 370 हटाई, दुनिया भर में उसका विरोध हुआ,किंतु वहाँ पुलिस को गोली नही चलानी पड़ी और न ही कोई मौत हुई!किंतु NRC/CAA के मामले में आंदोलनकारियों से निपटने में केंद्र की मोदी सरकार और प्रांतों की भाजपा सरकारें पूरी तरह विफल रहीं हैं!आगजनी करने वाली दंगाई भीड़ और छात्रों के बीच छुपे आतंकियों को नियंत्रित करने में यूपी की योगी सरकार बुरी तरह विफल रही है!योगी जी ने कोई पूर्व तैयारी नही की,नतीजा यह रहा कि 'खाया पिया चार आना,ग्लास फोड़ा बारह आना!'मोदीजी,अमित शाह और योगी जी ने दंगाई भीड़के हाथों कई निहत्थे पुलिस वालों के सिर फुड़वा दिये!
भारतमें छिपे आस्तीन के अनगिनत विषधर, और पाकिस्तानी मीडिया व आतंकी संगठनों के सुर भारतीय विपक्ष से खूब मिल रहे हैं!ये सभी भ्रम फैला रहे हैं कि CAA/NRC सभी को लाइन में लगवा दिया जाएगा!इस तरह वे वतनपरस्त भारतीय मुसलमानोंको ही भरमा रहे हैं,जबकि यह मामला बाहरी घुसपैठियों और मजहबी आतंकियों को भारत से दूर रखने का है!

सन २०१९ के समापन पर इंदौर में वर्ग विशेष के लोगोंने जगह जगह NRC/CAA के खिलाफ जंगी विरोध प्रदर्शन किया!
किंतु इंदौर का सौभाग्य है कि मुस्लिम धर्मगुरुओं ने इस आंदोलन को यूपी,बंगाल और तैलांगना की तरह पटरी से नही उतरने दिया!धर्मगुरुओं की सजगता और इंदौर के आला पुलिस अफसरों की सूझबूझ से यहाँ कहीं कोई हिंसा नही हुई !
शांतिपूर्ण ढंग से अपना विरोध जताने के इस लोकतांत्रिक तरीके का हम सम्मान करते हैं! इस संदर्भ में कमलनाथ सरकार की भूमिका सराहनीय रही और पुलिस प्रशासन भी प्रसंशा का पात्र है!
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मोदी सरकार ने BSNL कर्मचारियों को PRC न देकर VRS देकर जबरन घर बिठाने का सत्यानाशी फैसला लिया,कॉंट्रेक्ट वर्कर्स को तो कुछ भी दिये बिना निकाल दिया! इसलिये तमाम कर्मचारी अधिकारी बहुत नाराज हैं!वे 8 जनवरी को हड़ताल भी करने जा रहे हैं!किंतु हमारा भाजपा विरोध या मोदी सरकार विरोध उन पत्थरबाजों और मुल्क में आग लगाने वालों से जुदा है! हम पूंजीवादी आर्थिक नीतियों के कारण,मोदी सरकार की मुखालफत करेंगे,मेंहगाई के खिलाफ लड़ेंगे! किंतु हम पत्थरबाज और बसें जलाने वाले मुल्क के गद्दारों के साथ खड़े नहीं होंगे!

दरसल ये NRC/CAA विरोधी हंगामेबाज, पत्थरबाज और आग लगाने वाले तत्व और ओवैसी जैसे नेता ही संघ और भाजपा के हमदर्द हैं!क्योंकि अल्पसंख्यकों की इन हरकतों से हिंदू वोटों का तेजी से धुर्वीकरण हो रहा है! अत: राज्यों में भले भाजपा स्थानीय कारणों या अपने गठबंधन साथियों की नाराजी से हार जाए,किंतु तमाम बुराइयों के बावजूद केंद्र की सत्ता में पुन: आने से उसे कोई नही रोक सकता!

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यदि CAA /NRC के तहत शरणार्थी हिंदुओं की तरह मुस्लिम शर्णाथियों को भी भारत में शरण लेने की इजाजत दे दी जाए तो दुनिया का हर मुसलमान भारत आना चाहेगा,फिर इतनी विराट आबादी को बसाने की कूबत इस लुटे पिटे राष्ट्र में तो क्या,अमेरिका चीन में भी नही है! इसके अलावा जिस भारत में रहने का शौक सबको है उसी को कुछ कूड़ मगज लोग आग लगाने,बर्बाद करने पर आमादा क्यों हैं! शैतानी मंसूबे किसी से भी छिपे नही हैं!
1947 में जो मुसलमान भारत में रह गये वे ही भारतीय हैं,बाकी घुसपैठियों को यदि हक चाहिये तो पहचान बतानी ही होगी ! यह सच है कि मुस्लिम देशों में सिर्फ हिंदू ही नही बल्कि कुछ खास फिरके के मुसलमान भी सताये जा रहे हैं!सीरिया,ईराक,सूडान,तुर्की, लेबनान,ईरान,जोर्डन आदि में कहीं शिया, कहीं अहमदिया,कहीं यजीदी और कहीं पर कुर्द मुसलमान रोज मारे जा रहे हैं! भारत में इतनी क्षमता नही कि पचास करोड़ पीडित मुसलमानों को यहाँ बसा ले!
यमन,अफगानिस्तान,पाकिस्तान तथा सऊदी अरब सहित सारी दुनिया में मुसलमानों पर घोर अत्याचार हो रहे हैं,भारत और भारतीय मुस्लिमों को चाहिये कि उन मजलूमों की मदद करें !किंतु भारत के मूल निवासी दलित आदिवासी और गरीब मुसलमानों की कीमत पर नही!अपने बलबूते पर अपने घर में शरण दें तो शायद उनकी मदद सार्थक होगी!वतन में आग लगाकर,पत्थर चलाकर शर्णार्थी समस्या हल नही की जा सकती!

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