शनिवार, 28 दिसंबर 2019

मेरा कोई दोस्त बूढ़ा नहीं हुआ


सच्चाई में ढ़ले हैं,किंतु अब भी मनचले हैं!
हौसले हैं बुलंदियों पर,वे पर्वत से खड़े हैं !!
ना दर्द कोई दिलमें छा जाऐं वो महफिल में!
सबके काम आयें वो जो भी हो मुश्किल में!!
नहीं कोई है घमंडी,ना ही पैसे का ग़ुरूर !
यारों के काम आयें ,बस ये ही इक सुरुर!!
इक दूसरे पे जान छिड़कते हैं सब के सब !
मिलते ही ये कहेंगे,अबे,अब मिलेगा कब !!
मस्ती में जी रहे हैं , नहीं कोई भी बेकाबू !
बालों में डाई सबके ,काॅलर पे टाई सबके !!
लाली ये दोस्ती की चेहरे पे छाई सबके !
बच्चे हैं बराबर के पर सब ही सयाने हैं !!
अपने वतन और कौम के ये सब दीवाने हैं !
मेरा कोई  दोस्त बूढ़ा नही हुआ.

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