रविवार, 29 दिसंबर 2019

संस्कार

अंग्रेज आये सिगरेट पी ओर आधी पीकर फेँक दी, उस फेँकी हुई झूठी सिगरेट को किसी घोंचू टाइप इंडियन लङके ने उठाया ओर एक कश मारा और बहुत हल्कापन महसूस किया!और दो चार कश और मार लिये,और बङा गर्व करने लगा कि आज तो क्वालिटी वाली धूम्रपान का सेवन किया! ऐसे ऐसे वो घोचुँ ( कूल ड्युड ) 'अँधो मे काँणा राजा' हो गया !फिर उसने घोंचुओं की एक जमात इकट्ठी कर ली,जो ऐसे ही अँग्रेजो की झूठन चाटती फिरती रही!धीरे धीरे यह जमात समस्त भारत में फैल गई, अँग्रेजों की सिगरेट धङल्ले से भारत मे बिकने लगी।
अंग्रेजों  का नया साल 31 दिसंबर की मध्यरात्रि के फौरन बाद आता है,जबकि भारतीय नव बर्ष चैत्र माह से प्रारंभ होता। यही प्रकृति  के अनुकूल भी है।
अब यदि दूसरों की खुशी में तुम्हारी खुशी है और दूसरों का जश्न आपका जश्न है तो अंग्रेजी नव वर्ष मनाओ! खूब पियो दारू, मनाओ हैप्पी न्यू ईयर,फिर न कहना कि बुढ़ापे में बच्चो ने घर से निकाल दिया। संस्कार नही दोगे,, तो हालत बहुत बुरी होगी

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