शनिवार, 12 जून 2021

उदारचरितानाम् तु बसुधैव कुटुम्बकम्!"

 मैं सौ फीसदी हिंदु हूँ और मुझे इस पर गर्व भी है!किंतु अपना हिंदुत्व बघारने के लिये मैं,किसी अन्य धर्म-मजहब के खिलाफ विष वमन नही करूँगा! कोई राजनैतिक स्वार्थ सिद्धी नहीं करूँगा!क्योंकि मेरे हिंदू धर्म ने ही मुझे यह सिखाया है कि:-

"सर्वे भवंतु सुखिन: सर्वे संतु निरामया!
सर्वेभद्राणि पश्यंतु माकश्जिदुखभागवेत.."
अथवा
"उदारचरितानाम् तु बसुधैव कुटुम्बकम्!"
यदि कोई जन्मना या वैचारिक तौर पर अहिंसावादी है या विशुद्ध वैष्णव जन है तो वह गांधीजी का सम्मान अवश्य करेगा! किंतु जो हिट्लर,मुसोलनी की विदेशी विचारधारा का अनुशरण करेगा, राजनीतिक सत्ता में प्रयोग करेगा और हिंसक गोडसे का गुणगान करेगा,उसे हीरो मानेगा! वो सच्चा सनातनी हिंदू नही हो सकता!वो पाखडी हो सकता है किंतु वैचारिक और धर्मनिष्ठ हिंदुत्ववादी कदापि नही हो सकता!
विगत लोकसभा चुनाव के दौरान साध्वी प्रज्ञा ने गोडसे का खूब गुणगान किया था और शहीद हेमंत करकरे का भरपूर अपमान किया था,किंतु फिर भी वह भारी मतों से सांसद चुनी गई थी ! इसी तरह यूपी की एक गेरुवा वस्त्रधारी महिला नेत्री ने बाकायदा समारोहपूर्वक गांधीजी की फोटो पर गोली चलाई थी और वह मंत्री बना दी गई!
क्या यही हिंदूवादी आचरण है? नही बिल्कुल नहीं! बल्कि यह हिंसक बर्बर हमलावर कौमों की भोंडी नकल मात्र है!
रामक्रष्ण परमहंस,स्वामी विवेकानंद महर्षि अरविंद, महात्मा गांधी, लोकमान्य तिलक और पंडित मदनमोहन मालवीय जैसे महापुर्षो के उदार चिंतन पर आधारित हिंदुत्व ही असली हिंदुत्व है! बाकी तो सत्ता प्राप्ति के लिये किये जाने वाले राजनैतिक धतकरम मात्र हैं!

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