जिस धीरोदात्त चरित्र सिंहनाद,से अन्यायी थर्राते !
अमृतवाणी समरसता के शब्द भी क्रांति दूत बनजाते !!
कब जागेगी वह नरमेदिनी और करेगी आराधन,
जिससे महासमर के लिये नवमानव ढाले जाते हैं!
जग शंखनाद संगीत कला साहित्य सृजन करता,
'सत्यम शिवम् सुंदरम' इंकलाब हो जाते हैं !!
करेगेें 'कविगण'जनवादी क्रांति का आह्वान,
जिनको सत्य न्याय विश्वबंधुत्वके सपने आते हैं!
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