इस दौर में ऐंसा कुछ नहीं बचा जिस पर देश को नाज़ हो! सत्ताधारी दल,कार्यपालिका, न्याय पालिका,व्यवस्थापिका,प्रिंट,द्र्श्य, श्रव्य चाटुमीडिया कोई क्षेत्र नहीं बचा,जो इस व्यवस्था की जीवन्तता का वाहक सिद्धम हो सके!जन संघर्ष ही एकमात्र विकल्प है! अब किसान आंदोलन को तत्काल स्थगित कर संपूर्ण क्रांति का आह्वान किया जाना चाहिए! क्योंकि जब तक मौजूदा सरकार है, तब तक सिर्फ धन्ना सेठों और भ्रस्ट रिश्वतखोर सरकारी अफसरों की तूती बोलती रहेगी? इंक्लाब जिंदाबाद! किसान मजदूर एकता जिंदाबाद!! संघर्षों का रास्ता - सही रास्ता सही रास्ता!!!
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