मौजूदा किसान आंदोलन को बदनाम करने के लिये सत्तापक्ष की ओर से एक घटिया और शातिराना अफवाह फैलाई गई कि यह किसान आंदोलन नही हैं!यह तो हिंसक खालिस्तानियों, शाहीनावादियों और चीन पाकिस्तान समर्थक अलगाववादियों का जमावड़ा है! इस पर किसानों ने घोर आपत्ति जताई और किसी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई कि यह किसानों को बदनाम करने की साजिश है!
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से इस संदर्भ में हलफनामा प्रस्तुत करने को कहा! तद्नुसार विगत 29 दिसंबर को भारत सरकार की ओर से अटार्नी जनरल ने एक हलफनामा प्रस्तुत किया,जिसमें कहा गया कि धरना आंदोलन करने वाले किसान असली हैं और इनमें न तो कोई विदेशी हाथ है और न ही कोई आतंकी खालिस्तानी या अलगाववादी है!
याद दिला दें कि किसान आंदोलन को बदनाम करने और उसके सक्रिय नेताओं को डराने धमकाने के लिए केंद्र सरकार की प्रमुख 6 एजेंसियों ने पंजाब हरियाणा के किसान नेताओं के घर घर जाकर छापे डाले! इन्कम टैक्स,एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट NIA,CBI ATS, RAW इत्यादि केंद्रिय ऐजेंसियों ने खोदा पहाड़ और निकली चुहिया!
उपरोक्त ऐजोंसियों ने पता लगाया है कि धरना आंदोलन करने वाले बाकई किसान ही हैं! रही सब्जी,दूध और फलों की अबाध सप्लाई की बात तो इन चीजों पर किसानों ने सप्लाई जारी रखने का ऐलान पहले ही कर दिया था!
भारत के सभी जागरूक किसान मौजूदा आंदोलन से जुड़े हैं, दिल्ली नही पहुँच पाने के अनेक कारण हैं! फिर भी ये तमाम किसान लोग आंदोलन से जुड़े हैं ! एक घर से एक व्यक्ति इस आंदोलन में जरूर शामिल है ! सरकार और अंबानी समर्थक लोग जाने अनजाने मेहनतकश किसानों का अपमान कर रहे हैं ! किसान आंदोलन की आलोचना करने वाले और अंबानी अडानी के दलालों को जनता माफ नही करेगी! लच्छेदार और भ्रामक भाषण देने वाले नेतत्व को समझना चाहिये कि भारत की जनता -मजदूर किसान चुप नही बैठेंगे!
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें