इन दिनों मीडिया की ख़बरों के केंद्र में,
चमचागिरी और भांडगिरी की बहार है ।
कोई कहता है "मेरा -भारत-महान है "
कोई कहता यहाँ दो लोगों की सरकार है ।।
जनता को नेता-नेता को जनता कोस रहे,
सरकार किसानों को ठहराती कसूरवार है ।
धनाड्य वर्ग की भोग लिप्सा बढ़ती जाती,
देशकी आवाम उस अनुपातमें नही बेक़रार है!!
नव यौवना नारी देह प्रदर्शन बिना आजकल,
टिकता नही कोई जरूरी विज्ञापन समाचार है!
बाज़ार में सरकारी क्षेत्र केे बिना प्रतिस्पर्धा,
अधिकांश माल बिकता नहीं मंदी भरमार है!!
झंडा 5-G और सूचनातंत्र क्रांति का बुलंद है,
आर्थिक नीति में वैचारिक भ्रान्ति बरकरार है।
पूँजीवाद में मूल्यों का पतन और मजूरों की दुर्दशा ,
इस सर्वनाश के लिये हम सब जिम्मेदार है!!
-श्रीराम तिवारी
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