भारत में राजनैतिक विद्रूपता और हर चीज में गड़बड़ी तो 1947 से ही चली आ रही है!लेकिन जनता ने समय समय पर तत्कालीन शासकों की हर गलत बात का पुरजोर विरोध किया! और उन्हें सत्ता से भी हटा दिया,जो अपने आपको मुल्क का मालिक समझने लगे थे!
किंतु अभी जो गड़बड़ियां हो रहीं हैं,जनता की संपत्ति दो चार अमीरों को सौंपी जा रही है, रोजगार छीने जा रहे हैं,मजूर विरोधी कानून बना दिये गये, अमीरों के विकास के लिए किसान विरोधी तीन तीन कानून बना दिये गये! और इसका सारा दारोमदार उन पर है जो अभी केंद्र की सत्ता में विराजमान हैं!
सत्ता के मद चूर शासक गड़बड़ी ठीक करने के बजाय सीनाजोरी कर रहे हैं! प्रशासन, न्यायपालिका और मीडिया पर कब्जा करने से लोकतंत्र और संविधान कमजोर होता जा रहा है! इन हालात में आशा की एकमात्र किरण है किसानों का शांतिपूर्ण संघर्ष !
विपक्ष और जनता को चाहिये कि संघर्षरत किसानों का समर्थन करें! धन्यवाद!
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