गुरुवार, 28 जनवरी 2021

दर्ज है हर बात इतिहास में

 रक्त- रंजित सा चमन था कभी।

और खतरे में वतन था कभी।
सर उठाने की मिली थी सज़ा।
खून से लथपथ बदन था कभी।
फूट डालो और शासन करो।
हर फिरंगी का चलन था कभी।
दर्ज है हर बात इतिहास में ।
इस जहां में क्या अमन था कभी।
थी किसे परवाह अंजाम की।
मुफ्त में मिलता कफन था कभी

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