मौजूदा किसान आंदोलन[dec-2o2o /jnuary 2021] में 65 से अधिक किसान शहीद हो गये!उनकी कुर्बानी पर शोक संवेदना व्यक्त करने के बजाय,केंद्र सरकार और पालतु मीडिया की तर्ज पर अंबानी अडानी के बफादार शाखाम्रगों ने भी इस आंदोलन को तोड़ने और बदनाम करने का षडयंत्र चला रखा है! धरने पर ठंड में ठिठुरते किसानों की जान की हिफाजत के लिये हरियाणा और पंजाब की जनता फ्री में खाद्यान्न भेज रही है! वहां कुछ बूढ़े बीमार किसान मक्का दी रोटी सरसों द साग के अलावा काजू बादाम भी खा रहे हैं!
यह सीन देखकर अडानी अंबानी के बफादारों के सीने पर सांप लोटने लगे हैं! उनका सोचना है कि काजू किसमिस बादाम अखरोट तो अंबानी-अडानी,मंत्री अफसर या रिश्वतखोर सरकारी कर्मचारी ही खा सकते हैं! इन दुष्ट लफंगों की नजर में यह बात खटक रही है कि कांदा रोटी खाकर खेतों में पसीना बहाने वाले किसान की इतनी औकात कैसे कि साले गांव के गंवार सड़क पर बैठकर काजू बादाम खाएं और अंबानी अडानी के दलालों के खिलाफ नारे लगाएं!
किसान आंदोलन के अंध विरोधी ये महामूर्ख शाखाम्रग यदि कभी हरियाणा पंजाब केरल कश्मीर,हिमाचल और यूपी के दोआब गये होते तो देखते कि किसान का खानपान क्या है? भारत के 50% किसानों का उद्धार तो मनमोहनसिंह के राज में ही हो गया था! बाकी का विकास होने ही वाला था कि अंबानी अडानी के मित्र सत्ता में आ गये और किसानों के विकास के बजाय उनकी थोड़ी सी खुशहाली पर किसान विरोधी तीन बिल थोपकर नीबू निचोड़ दिया!
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