भारत में विदेशों से आयातित कोरोना महामारी से अबतक 327 मरे! इन दुखद मोतों पर हमें बहुत अफशोस है! गनीमत है कि इन दुखद मोतों की संख्या संपन्न राष्ट्रों के सापेक्ष भारत में बहुत कम है!
इसका 50% श्रेय चिकित्सकों,नर्सों और पैरा मेडीकल स्टाफ को जाता है!
और 25% श्रेय भारतीय शाकाहारी जीवन शैली-पद्धति,अहिंसक सभ्यता और संस्कृति को जाता है।
20% श्रेय केरल,छ.ग.राजस्थान जैसी सजग राज्य सरकारों को जाता है।
सिर्फ 5% श्रेय मोदी सरकार को जाता है,कि उन्होंने टीवी पर आ आकर देश को संकट की घड़ी में ढाढस बंधाया!ताली बजवाई और मोमबत्ती जलवाई! घंटानाद कराया!
खबर है कि प्रधानमंत्री जी ने केंद्रीय कोष से सभी राज्यों को जो मदद का वादा किया है! यदि यह सच है तो इसमें कोई नवाई नहीं,यह उनका दायित्व है!संवैधानिक जिम्मेदारी है!
मुझे यह पता नही कि राज्यों को अबतक फंड मिला या नहीं! यदि यह सहायता दी गई है तो वह जरूरतमंद तक पहुंची या नही!
सरकारी सहायता वितरण में अक्सर गड़बड़ी होती है! गड़बड़ी न हो, इस बाबत मॉनीटरिंग सिस्टम क्या है? मुझे पता नही!यदि किसी को मालूम हो तो सूचित करें!
समाज के जो लोग निजी तौर पर कोरोना महामारी से ग्रस्त लोगों की तन मन धन से मदद कर रहे हैं,उन दानवीरों-कर्मवीरों को एवं पुलिस स्टाफ को कोटि कोटि धन्यवाद!
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें