प्रधानमंत्री की अपील को इंदौर में जिस वर्ग विशेष के लोग आजादनगर से रानीपुरा तक और खजराना से चंदननगर तक कोरोना को हल्के में ले रहेथे और लॉकडाउन का मजाक उड़ा रहे थे,उसी वर्ग के अधिकांस मरीज अब अस्पताल पहुंच रहे हैं! इस वर्गके कुछ सजग समझदार लोग अब पछता रहे हैं!क्योंकि इस बीमारी का कोई इलाज अस्पताल में नही है,बल्कि घर में रहकर ही इससे बचा जा सकता है!
इसी विशेष वर्ग के कुछ लोग विदेश से यह लाइलाज कोरोना बीमारी इंदौर लाए!कोई दुबई से,कोई जेद्दाह से और कोई ईरान से घूमते घामते या डायरेक्ट इंदौर आया,और इंदौर मैं अपनी जमात में समा गये! जिससे उनके साथ साथ सपरिजन और अन्य वर्ग के लोग भी संक्रमित होकर मुसीबत में आ गए! यही वजह है कि कोरोना बीमारी ने इंदौर में भयानक पकड़ बना ली है!जिसके कारण डॉक्टरों,नर्सिंग स्टाफ,पैरामेडीकल स्टाफ, पुलिस स्टाफ और नगर निगम के कामगारों, एवं प्रशासन तथा सरकार को चौतरफा इस खतरे से जूझना पड़ रहा है!
कोरोना हो या अन्य कोई बीमारी हो,एमपी में या भारत में हमारा इंदौर शहर सुरक्षित माना जाता रहा है!किंतु प्रवासी आगंतुकों और सड़कों पर घंटे घड़ियाल बजाने वालों की वजह से इंदौर के वरिष्ठ नागरिक और शांति प्रिय नफासत पसंद नर नारी भारी मुसीबत में पड़ गये हैं! खुदा खैर करे!
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