दो दिन पहले मेरे भाई को (जो कि पुलिस में हैं) सूचना मिली कि किसी मस्जिद में नमाज़ हो रही है, वो वहां कुर्ता पायजामा पहन कर गए.. इमाम ने समझा कि ये मुस्लिम हैं नामज़ पढ़ने आये होंगे, इसलिये उसने उनसे जमात में शामिल होने को बोला
मेरे भाई बोले कि "जब तुम लोगों से मना किया गया कि जमात न बनाओ फिर क्युँ बना रहे हो?".. इमाम साहब समझ गए कि भाई पुलिस हैं मगर मुस्लिम हैं, इसलिये मुस्कुराते हुवे बोले कि "आठ दस लोग थे तो हमने सोचा कि जमात बना लें".. इमाम साहब इस बात से आश्वस्त थे कि ये पुलिस वाला मुस्लिम है तो शायद कुछ नहीं कहेगा
मगर भाई ने उनकी अपेक्षा ने उल्टा वहीं मस्जिद में उनको गाली देनी शुरू की तो इमाम साहब के फाख़्ते उड़ गए.. बाहर खड़े पुलिस वालों को भाई ने भीतर बुलाया और सुताई चालू करवा दी.. भाई ने कहा कि "यहां हम लोग मरे जा रहे हैं दिन रात कि लोग सुरक्षित रहें और तुमको जमात में नामज़ पढ़ने के नशे से छुट्टी नहीं मिल रही है.. आओ तुम लोगों की मैं ठीक से जमात बनवाता हूँ".. कूल्हे लाल करके भाई ने इनकी ठीक से जमात बनवा दी
आप लोग भी अब यही कीजिये.. क्योंकि जगह जगह से ख़बर मिल रही है कि कल शबे बारात में लोग झुंड बना कर क़ब्रिस्तान गए थे.. इसलिए अब जहां कहीं आपको अपने आसपास ही कोई नामज़ के लिए या किसी और वजह से इकट्ठा होता मिले, उसकी तुरंत कंप्लेन कीजिये
अगर आप ये सोचते हैं कि बिना कंप्लेन किये आप अपनी कम्युनिटी को बचा लेंगे तो ये आपकी ग़लतफ़हमी है.. आपकी कम्युनिटी इस धार्मिक भीड़ की वजह से आज नहीं तो कल मारी जाएगी, कोरोना इन सबको निपटा देगा.. इसलिए आजकल इनके कूल्हे पर डंडा इनकी और इनके परिवार की जान की रक्षा सुनिश्चित करेगा
इसलिए अगर आपके आसपास कोई बाहर से आया है.. या आपको भनक भी लगे कि कोई जमाती आपके आसपास है कहीं तो उसे तुरंत पुलिस को बताईये.. ये करके आप अपने और अपने समुदाय की रक्षा करेंगे.. अगर आपने इस वक़्त अपने आसपास धार्मिक सभाएं होने दीं या इन सभाओं की जानकारी छिपाई तो जान लीजिए आप अपनी पूरी कम्युनिटी के साथ साथ देश भर के लोगों को ख़तरे में डाल रहे हैं
अब वक़्त बचा नहीं है.. अब इसी तरह आक्रामक होकर लोगों को बचाना होगा वरना आने वाला समय कितना भयावह होगा ये आप सोच भी नहीं सकते हैं
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