शुक्रवार, 3 अप्रैल 2020

वो हर समय जेहाद के लिये तैयार हैं!

अधिकांस मुस्लिम नर नारी हिंदुओं की भांति ही शांति प्रिय हैं!वे अपनी रोजी रोटी के लिये पसीना बहाने से नहीं घबराते!किंतु ज्यों ही किसी कठमुल्ले ने भड़काया तो कुछ मुठ्ठी भर लोग फौरन मरने मारने पर उतारू हो जाते हैं!और यदि किसी मुल्ला मौलवी ने कह दिया कि इस्लाम खतरे में है तो दैया रे दैया,जेहाद के लिये भी तैयार हो जाते हैं!
जबकि हिंदूओं में उल्टा हिसाब है,अधिकतर ऐंसे हैं कि वे हिंदू की औलाद तो हैं,कितु खुद को हिंदू ही नही मानते! कुछ एक्टिविस्ट तो प्रगतिशीलता की रौ में बाप को बाप नही मानते! कुछ लोकायत हैं, कुछ जैन, सिख, बौद्ध,आदिवासी और कुछ पूरी समझदारी से नास्तिक हैं! गोकि हिंदू कोई है ही नही! वो तो बाहर से आने वाली अरबी फारसी कौमों ने हमें हिंदू कहा,सो हम सब हिंदू हो गये!वरना गुलामी से पहले तो हमारे पूर्वज आर्य,अनार्य, द्रविड़,भील,कोल किरात थे! इस तरह के बिखरे समाज को मुसलमानों की तर्ज पर जोड़ने की जरूरत ही नही है! हिंदुओं की बात करने वाले RSS इत्यादि संगठनों को खुद नही मालूम कि वे हिंदुत्व के धर्मयोद्धा नही,बल्कि भाजपा के कैडर हैं! और भाजपा पूँजीपतियों की सहचरी है! भाजपा नेताओं के कारण हिंदूओं को दुनिया में खलनायक बताया जा रहा है!जिनके बाप दादों ने सदियों तक भारत को गुलाम बनाये रखा,वे इस मुल्क के संविधान की दुहाई तो देते हैं, किंतु मानते नही हैं! वे सिर्फ वही मानते हैं जो मदरसों और मस्जिदों में सिखाया जा रहा है!  

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