गुरुवार, 28 जून 2018

पापी पेटका ही सवाल है!

चूंकि प्रतिक्रियावाद और साम्प्रदायिकता इस देश के आधुनिक पूँजीपतियों की जुडवा पसंद हैं, इसलिए अधिकांस न्यूज चैनल या तो मंदिर मंदिर चिल्ला रहे हैं या मोदी मोदी रटते रहते हैं! उनके पास वे ही सूचनायें हैं जो गोदी मीडिया उपलब्ध कराता है! और वे वही बोलते हैं जो उनके आका बुलवाते हैं! क्योंकि इधर भी पापी पेटका ही सवाल है!
अंबानी,अडानी के उपकार मोदीजी भला कैसे भूल सकते हैं?उन्ही के दम पर तो उन्होंने पहले अपने गुरूवर आडवानी जैसे दिग्गजों को और बाद में कांग्रेस सहित पूरे देश को पछाड़ा है! अब तो झक मारकर वही करना पड़ेगा जो धन्ना सेठ और बाबा लोग कहेंगे !

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