कातिलों को पहचानिए इन इशारों से
"मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति अनवर सादात के हत्यारे से न्यायाधीश ने पूछा: “तुमने प्रेजिडेंट को क्यों मारा?"
वो बोला: "क्योंकि वह धर्मनिरपेक्ष था!"
न्यायाधीश ने पूछा, "धर्मनिरपेक्ष का क्या अर्थ है?"
हत्यारे ने कहा, "मुझे नहीं पता!"
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*मिस्र के दिवंगत लेखक नागुइब महफौज़ की हत्या के प्रयास के मामले में न्यायाधीश ने उसके हत्यारे से पूछा:
“तुमने उसे चाकू क्यों मारा?"
आतंकवादी बोला: "उसके उपन्यास
''हमारे पड़ोस के बच्चे'' की वजह से।"
जज ने पूछा, "क्या आपने यह उपन्यास पढ़ा है?"
हत्यारा, "नहीं!"
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*एक अन्य जज ने मिस्र के लेखक फ़राज़ फ़ौदा की हत्या करने वाले आतंकवादी से पूछा: "तुमने फ़राज़ फ़ौदा की हत्या क्यों की?"
आतंकवादी बोला: "क्योंकि वह काफ़िर है!"
न्यायाधीश ने पूछा, "तुम्हें कैसे पता चला कि वह काफिर था?"
आतंकवादी बोला: "उसकी लिखी किताबों के अनुसार!"
जज ने कहा, "उनकी कौन सी किताब ने आपको यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि वह काफ़िर थे?"
आतंकवादी: “मैंने उसकी कोई किताब नहीं पढ़ी है!"
जज: "क्या!?"
आतंकवादी ने जवाब दिया, “मैं पढ़ या लिख नहीं सकता!"
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**घृणा ज्ञान से नहीं बल्कि हमेशा अज्ञानता से उपजती और फैलती है। और कातिल सिर्फ वो नहीं होता जो तलवार चलाता है।
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