खबर है कि यूपी के लखनऊ नगर का नाम बदलकर, लक्ष्मणपुर रखे जाने का प्रस्ताव है! यह सुविदित है कि अवधी भाषा में शेषावतार लक्ष्मण जी के नाम का अपभ्रंश *लखन या लाखन* है ! मायथोलॉजी हो या लोक साहित्य सभी क्षेत्रों में लक्ष्मण का अर्थ लखन ही माना जाता है। अब यह कौन नहीं जानता कि कालांतर में लक्ष्मणजी की याने लखन लाल की नगरी को लखनऊ* कहा जाने लगा।
यह लखनऊ नाम किसी बर्बर मुस्लिम शासक ने नहीं रखा ! बल्कि इस देशज शब्द लखनऊ के उच्चारित होते ही, सभी उत्तर भारतियों के मनो मस्तिष्क में लखनलाल जी याने लक्ष्मण जी की ही छवि उभरती है!
अब जो निहायत ही अपढ़ कुपढ़ होगा,वही अवधी नाम लखनऊ* को जबरन लक्ष्मणपुर बदलने/बदलवाने की बात करेगा!
किसी ने ठीक ही कहा है :-
"अति का भला न बोलना,
अति की भली न चूप!
अति का भला न बरसना,
अति की भली न धूप!!
अर्थात "अति सर्वत्र वर्ज्येत"
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