कुछ लोग कह रहे हैं कि विवादास्पद मंदिर-मस्जिद स्थल पर हो हल्ला करने से मेंहगाई, बेरोज़गारी और विकास के मुद्दे हासिये पर चले गए हैं।उन्हें यह भी बताना चाहिए कि जब मंदिर मस्जिद मुद्दा नहीं था,तब क्या गरीबी बेरोज़गारी या मेंहगाई नही थी?
आज पाकिस्तान,श्रीलंका,अफगानिस्तान में कोई मंदिर मस्जिद मुद्दा नहीं,लेकिन वहां की जनता अपने मंत्रियों को जूतों से पीट रही है!भारत में आज कोई भी गरीब भूखा नहीं रह सकता! यदि किसी को शक हो तो किसी भी आदिवासी अथवा हरिजन बहुल इलाके में जाकर पता लगाए,वहां हर गरीब मजदूर को किसान को मुफ्त राशन मिल रहा है!
यहां देवी अहिल्या बाई होलकर की नगरी इंदौर में कोई भूखा नहीं रह सकता! यदि कोई कहे कि मैं भूखा हूं,तो यहां के भले नर नारी और आनंदम् इंदौर जैसे दर्जनों
मददगार चैरिटेबल ट्रस्ट हैं जो उसे महिने भर का राशन दैने को तैयार हैं!फिर भी दुर्भाग्य से यदि कहीं किसी को कोई सहायता नहीं मिल पा रही है,तो वह किसी भी गुरुद्वारे के लंगर या अन्नपूर्णा मंदिर चला जाए,उसे वहां रोटी, पूड़ी,सब्जी,खीर सब मिलेगा और वो भी बिल्कुल मुफ्त !
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