इंकलाब ज़िंदाबाद !
progressive Articles ,Poems & Socio-political -economical Critque !
गुरुवार, 22 मई 2014
भृष्टाचार के नाम पर ,'आप' ने किया धमाल।
किन्तु सत्ता वे चढ़े ,जिनने चल दी 'चाल।।
धरना दिए अनेक तुम ,करी भूँख हड़ताल।
फिर क्यों दुर्गति 'आप'की , हुई केजरीवाल।।
कांग्रेस और भाजपा , अब नहीं एक समान।
हार-जीत का फर्क तो, करता यही बखान ।।
श्रीराम तिवारी
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