गुरुवार, 26 मई 2022

यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा

 २४ मई २०२२ :- को कोर्ट में आतंकी सरगना यासीन मलिक की सजा मुकर्रर होने जा रही थी,आतंकी के समर्थन में हरामजादे पत्थर फेंक रहे थे!

२५ मई -२०२२:- इस्लामिक आतंकियों ने अमरीन भट और उसके भतीजे को गोलियों से भून डाला । अब सारे पत्थरबाजों को सांप सूंघ गया है, जो कल तक आतंकवाद की पैरवी कर रहे थे,आज एक मासूम की मौत पर वे सब चुप हैं । छि:

यह संभावना सही थी कि हजारों बेकसूर हिंदुओं की हत्या के गुनहगार JKLF नेता यासीन मलिक को फांसी की सजा मिलनी थी! किंतु यासीन मलिक ने बड़ी चतुराई से पहले तो अपना गुनाह कबूल करके जांच एजेंसी का साथ दिया।फिर उसने परोक्षरूप से भारतीय न्यायपालिका पर यकीन जता कर दुनिया को और पाकिस्तान को आईना दिखा दिया कि वह भारतीय न्यायपालिका पर यकीन करता है,मतलब अलगाववादी होना उसकी तात्कालिक नासमझी थी! मजबूरी में ही सही,वह कश्मीर को भारत का अंग मानता है! तभी तो अपने बचाव में उसने दावा किया कि:-
"मैंने भारत के ७ प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया है"
तमाम बिंदुओं को मद्देनजर रखते हुए विद्वान न्यायधीश ने यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा मुकर्रर करके सही और सामयिक निर्णय दिया! यह फैसला राष्ट्र हित में है।

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