एक मित्र ने पूछा है कि ज्ञानवापी मस्जिद में मिले साक्ष्य पर आपकी क्या राय है?
 तत्संबंधी प्रकरण में मेरा अभिमत है कि जिस तरह नर्मदा का हर कंकड़  शिवस्वरूप मान्य है,उसी तरह काशी बनारस का कण कण विश्वनाथस्वरूप ही है।कथित ज्ञानवापी मस्जिद वजू दायरेमें पर्यवेक्षकों को जो मुख्य  पाषाण आकृति मिली उसका फैसला तो *आर्किलाजिकल सर्व आफ इंडिया* और माननीय न्यायालय ही करेंगे।किंतु इतना तो कोई भी कह सकता है कि जहां नंदी जी विराजमान हैं, जहां मां गौरी और पूरा शिव परिवार मौजूद हैं,वहां शिव शंकर मौजूद न हों यह असंभव है। मंदिर भंजकों ने या तो शिवलिंग तोड़ दिया है,या मुस्लिम बिरादरी जिसे फब्बारा बता रही है,वही खंडित अवशेष बाबा विश्वनाथ है। इसके अलावा वहां मिले अन्य साक्ष्य चीख चीखकर कह रहे हैं कि काले अतीत के दौर में ज्ञानवापी मस्जिद निश्चित ही बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर तोड़कर  बनाई गई है।
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