भारतीय ही नहीं बल्कि दुनिया के तमाम प्रगतिशील छात्रों को यह जानकारी होनी चाहिए कि किन कारणों से भारत बार बार गुलाम बनाया जाता रहा है? वे कौन कौन से प्रमुख नकारात्मक तत्व हैं जो गुलामी का कारण बने और जो घुन की तरह अब भी भारत भूमि को अंदर से खोखला कर रहे हैं? दरसल एक सशक्त राष्ट्र के रूप में यह भूमि हमेशा असुरक्षित रही !
आजादी के पूर्व भारतीय उपमहाद्वीप का विभाजन क्यों हुआ यह जानकारी भी बिना किसी दुराव छिपाव के नयी पीढ़ियों को दी जानी चाहिए ! इतिहास का विहंगावलोकन। करने पर हम पाते हैं कि:-
1- पुरातन वर्ण व्यवस्था में राष्ट्रवाद का अभाव और अर्वाचींन जातीय संरचना में अस्पृश्यता का विकार उत्पन्न हो जाना!
2-अहिंसा सत्य,अस्तेय,अपरिग्रूह,क्षमा करूँणा ने भारतीय बौद्धिक वर्ग को सदा संतुष्ट ,कायर ,निठल्ला और परजीवी बना डाला!राजे-रजवाड़े,सामंतों,जमींदारों ने समाज को अपना गुलाम बना कर रखा, राष्ट्रीय भावना का लेश मात्र नहीं था!
3-विदेशी आक्रुमणों के समय उनका मुकाबला करने के बजाय भगवान और अवतारवाद के भरोसे बैठे रहे!
4- भौतिकवादी साइंस व युद्ध की नई तकनीक कोई महत्व न देना
5-अध्यात्मवाद और लोक परलोक की फिक्र ज्यादा करना !
6- अतिथि देवो भव :का अंधानुकरण करना !
7- कुछ संत महात्मा कहते चले गए कि:-
अजगर करे ना चाकरी,पंछी करें ना काम।
दास मलूका कह गए,सब के दाता राम।।
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