व्यंग एक अति कुशल त्वरित संप्रेशणीय साहित्यिक विधा है !अपनी तीक्ष्ण निगाहों से मानवीय जीवन की समग्र समष्टिगत विद्रूपताओं की सतत निगरानी करते हुये कम शब्दों में उन्हें सकारात्मक ढंग से पेश करते रहिये !सत्य का अनुशीलन करते रहिये !आपका हर लफज क्रूर और मारक व्यंगमें ढ़लता जायेगा !
जिसके पास जो होता है,वो वही बाँटता है!सुखी सुख बाँटता है,दुःखी दुःख बाँटता है...ज्ञानी ज्ञान बाँटता है,प्रेमी प्रेम बांटता है!और भ्रमित व्यक्ति हर किसी को भ्रम बाँटता है!"
यह विचित्र किंतु सत्य है कि जिस रफ्तार से डालर-पौंड के सापेक्ष रुपया नीचे लुढक रहा है,जिस रफ्तार से पैट्रोल डीजल के भाव बढ़ रहे हैं, जिस रफ्तार से देश की जनसंख्या बढ़ रही है,जिस रफ्तार से बच्चे,बच्चियों महिलाओं पर जुल्म बढ़ रहे हैं, जिस रफ्तार से देश भर में पत्थरबाज पनप रहे हैं,जिस रफ्तार से साम्प्रदायिकता बढ़ रही है! जिस रफ्तार से पूंजीवाद आदम खोर हो रहा है,लगता है कि अच्छे दिन आने ही वाले हैं!
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