शनिवार, 28 नवंबर 2015

सिद्ध करो कि मंत्री जी अपराधी हैं !


  अनिल  बिज [हरियाणा के मंत्री ]की जगह यदि  भाजपा के बजाय  किसी और पार्टी का मंत्री  होता तो आज भाजपा की तमाम महिला नेत्रियाँ - अपने  आग्नेय नयनों से  उस मंत्री को तथा  उसकी पार्टी को भस्म करने की रोषपूर्ण मुद्रा  में होती।  योगिनियाँ ,साध्वियां ,स्मृतियाँ प्राचियाँ  और तमाम  सोशल मीडियाशेरनी  -फेसबुक  पर ये  प्रचंड  अग्निवेश - रमणियाँ उस मंत्री पर  फुफकार रहीं होतीं।  संघ के अनुषंगी  संगठन और  भाजपा के चारण-भाट  उस मंत्री का 'काला  मुँह ' कर रहे होते। तब  उनकी नजर में वह  आईपीएस संगीता कालिया महान वीरांगना होती। उसे किरण वेदी , तेजस्वनी ,दुर्गा ,शिवा ,क्षमा ,धात्री ,स्वाहा अथवा  साक्षात रानी झांसी  का ही  अवतार बताया जाता।  यदि अनिल  बिज  कांग्रेस के मंत्री  होते तो उनका हे राम ! भी हो सकता था !  किन्तु असहिष्णुतावादियों  के लिए आज अनिल बीज  'आइकॉन' हैं  और  उन  के लिए आईपीएस संगीता कालिया पूतना है, ताड़का है ,सूर्पनखा है।

  काश  अनिल  बिज  उनके -अपने न होते ! तब  दक्षिणमुखी परिवार की तमाम बुर्जुआ  सुंदरी  सबलायें   झांझ -मंजीरे लेकर ' हाय-हाय'  करते हुए अभी तक  आईपीएस -संगीता कालिया के घर पर  फातिहा पढ़ रही होती। किन्तु हतभाग्य मंत्रीजी उनके ही कुनवे से   हैं ,इसलिए भाजपा के शर्मदार  नेता और नेतानियाँ अभी बगलें झाँक रहे हैं।  जो  वेशर्म  हैं वे खुलकर  उस आईपीएस  महिला की खुलकर निंदा करेंगे।

 इस संदर्भ में मेरी निजी राय है कि  जिस किसी  सरकारी अधिकारी या कर्मचारी को 'कोड  ऑफ  डिसिप्लिन' का ज्ञान नहीं होगा वही संगीता कालिया 'जैसी हरकत करेगा/करेगी ! यदि एक आईपीएस को इतना  ही नहीं मालूम कि  उसे जनता द्वारा निर्वाचित जन  प्रतिनिधि या मंत्री से कैसे  बात करनी है ? कैसे पेश आना है तो उसे सरकारी सेवाओं में रहने का कोई अधिकार नहीं। इस मान से संगीता को तत्काल सस्पेंड किया जाना चाहिए था। लेकिन स्थानांतरण करके हरियाणा सरकार न अपनी अज्ञानता प्रदर्शित की है। जहाँ मंत्री अनिल बिज के उदंड व्यवहार की बात हैं  तो  यह मुख्यमंत्री को देखना है।  चूँकि मंत्री और सरकार  जनता के प्रति जबाबदेह हैं। यदि जनता को लगेगा कि मंत्री या सरकार  ठीक  से बर्ताव न हीं करते तो वे आइन्दा चुनाव भी हार सकते हैं। यदि  किसी को लगता हैं की मंत्री जी ने   अफसर से पूंछतांछ करके बड़ा संगीन अपराध किया है, तो  उनके खिलाफ न्याय का दवाजा सबके लिए खुला है। सिद्ध करो कि  मंत्री जी अपराधी हैं ! श्रीराम तिवारी
 

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