इन दिनों भारत की राजनैतिक मुख्यधारा के 'धर्मनिरपेक्ष- परिवार' के मुँह फट - मणिशंकर अय्यर ,खुर्शीद आलम खान ,आजम खान और सिद्धारमैया इत्यादि आईएसआईएस और आतंकवाद समर्थक सावित हो रहे हैं। उनके ग्रामोफोन की सुई महज एक शब्द 'मोदी' पर ही अटकी हुयी है । इसी तरह भारत के स्वनामधन्य 'राष्ट्रवादी' अर्थात 'असहिष्णुतावादी परिवार' के सुब्रमण्यम स्वामी ,जनरल बीकेसिंह और साक्षी महाराज जैसे अहमक लोगों के श्रीमुख से केवल ' गांधी-नेहरू परिवार' की शख्शियतों पर ही विषवमन किया जा रहा है।
इनसे बेहतर तो असदउद्दीन ओवेसी हैं ,जमीयत उलेमा -ए -हिन्द के मुस्लिम नेता हैं ,देश के तमाम मुस्लिम धर्मगुरु हैं जो 'आईएसआईएस ' को इस्लाम विरोधी बता रहे हैं। आतंकियों के नापाक इरादों की निंदा कर रहे हैं। और फ़्रांस समेत दुनिया भर में उनके द्वारा किये जा रहे वीभत्स हमलों की निंदा कर रहे हैं। श्रीराम !
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