राजनीति में चल रहे ,शब्दं बाण सब ओर।
बिन प्रयास मुर्दे बहें , गटर गॅंग की ओर।।
बलिहारी नेतत्व की ,डाल रखे जिन फन्द।
पूंजीवादी जलजले , उड़ा रहे दुर्गन्ध ।।
नहीं राष्ट्र प्रतिबध्दता , नहीं विचार सिद्धांत।
लफ्फाजी और झूंठ में , नव नेतत्व निष्णांत ।।
श्रीराम तिवारी
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