भृष्ट जनों को खूब दी ,लूट-घसोट की छूट।
झाड़ू जीती शान से , हारा दशलखिया शूट।।
दिल्ली राज्य विधान सभा के चुनाव परिणाम से भाजपा और उसके समर्थक सदमें में हैं । पूरे देश में 'संघ परिवार' में शोक की लहर है। वे सभी भूलुंठित हैं जिन्होंने अपने भषणों में उगला जहर है। जबकि गैर भाजपाई विपक्ष में हर्ष की लहर है। भाजपा कार्यालयों में कौवे उड़ रहे हैं। 'वारांगनाओं 'ने भाजपा की लुटिया डूबा दी है। किरण वेदी जैसी ओछी मानसिकता की ओरतों को दिल्ली की आवाम ने ओकात दिखा दी है। सोशल मीडिया पर जो लोग और लुगाइयाँ इल्मी-किरण -नूपुर को भाजपा का 'तारणहार ' सिद्ध करने को तुले थे। ये वेशर्म छिछोरे और छिछोरियाँ अब भी खीसें निपोरने से बाज नहीं आएंगे। दिल्ली में 'आप' की जीत से देश भर में भाजपा के विरोधी गदगदायमान हैं। 'नमो ' के दिग्विजयी अश्वमेध का घोडा 'आप' की घुड़सार में हिनहिना रहा है। जगदीश मुखी , हर्षवर्धन, सतीश उपाध्याय ,राजनाथसिंग को किनारे कर 'नमो' ने किरण को अपने रथ के आगे बिठाकर 'शिखंडी' बनाया जिसने पूरे 'भगवा' दल और उसके तपोनिष्ठों को श्रीहीन कर दिया। यदि यह मेनकाओं की हार है तो 'विश्वामित्र' बैचेन क्यों ? भाजपा की हार से ,किरण वेदी की हार से दिल्ली की महान जनता झूंठे ढ़पोरशंखियों और हवाई नेताओं को 'जुतयाना ' जानती है। वह दुनिया में सर्वश्रेष्ठ है ! 'आप' से और केजरीवाल से उम्मीद है कि 'मैदान न छोड़े' !
'आप' को बधाई ! दिल्ली के जागरूक मतदाताओं को लाल सलाम !
भाजपा को शोक संवेदना !
श्रीराम तिवारी
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