दुनिया के संपन्न देशों और महानगरों ने खूब अस्पताल मेडीकल कालेज बनाये! बड़े बड़े स्कूल कालेज बनाये,किंतु अब वे लाशें नही गिन पा रहे हैं!उनसे अच्छे तो हमारे पिड़रुवा पथरिया,ढाड़ मदैया,सगोरिया झाबुआ,बस्तर अबूझमाण,कोकराझार और कालाहांडी हैं, जो भले ही पिछड़े और गरीब हैं ,किंतु कोरोना के सामने लाचार तो नही हैं ! दुनिया में गरीबी भुखमरी का इलाज तो है,किंतु जैसे कोरोना वायरस का नही! कोरोना वैक्सीन पर भी अधिकांस लोगों को फिलहाल भरोसा नही,क्योंकि दो दो वैक्सीन लगने के बाद भी कुछ लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गये!
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