केंद्र सरकार से निवेदन है कि
"लॉकडाऊन पीड़ित मजूरों को भाषण के बजाय मुफ्त राशन दो !
मेरा सुझाव है कि पारंपरिक आवश्यक सेवाओं,उत्पादन,विपणन और निर्माण क्षेत्र को सशर्त छूट देकर, लॉकडाऊन तीन महिने तक जारी रहे! इस दौरान जो भी नागरिक सरकारसे राशन या दवा मांगे,उसे यथासंभव घर पर राशन पहुंचाएं! सामान के भाव स्थिर रखे जाएं !और जो लोग भुगतान की क्षमता नहीं रखते,उनके अकाउंट खंगाले जाएं, यदि उनके खाते में पैसा नही है तो उनसे शपथ पत्र लिया जाए कि "मेरे पास अभी पैसा नही है,भविष्य में जब होंगे तो सरकार को लौटा दूंगा"!
कोरोना संकट के बाद सरकार चाहे तो जांच पड़ताल कर सक्षम लोगों से पैसा वसूल करे और अक्षम लोगों का उधार माफ करे अथवा मनरेगा इत्यादि में काम लेकर उनसे भरपाई कराये!बीमार,बुजुर्ग और बेरोजगार को छोड़ बाकी किसी को फ्री में बैठे बैठे न खिलाये! क्योंकि इससे मुफ्तखोरी बढ़ती है!
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