क्या ख़बर कि ये कौन सा दर्द है जो घटता ही नहीं,
रोज़ बढ़ता जाता है अक्सर मरहम लगाने के बाद !
डाल पर जब तक खिले हैं फूल ख़ूब महकेंगे हुज़ूर,
किंतु ये ख़ुशबू न दे सकेंगे ख़ुद मुरझा जाने के बाद !!
आ से होती आग भ से भूख होती है जनाब,
सिर्फ़ ये ही कह सका वो ख़ूब हकलाने के बाद !
ज़िन्दगी का ये सफ़र, बहुत जदोजहद भरा है दोस्त,
करुणक्रंदन मचा है कोरोना से मात खाने ु्के बाद!!८
संकट के इस दौर में हम किसी को क्या बताएं बंधुवर
रास्ता काँटों भरा है,बचके रहना,काली स्याह रात के बाद!.
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