आज हम आत्मनिर्भरता की और नहीं वरन् आत्मविनाश की ओर बड़ रहे हैं। टेक क्रांति ने कुछ पूंजीवादियों के हाथ में असीमित मुनाफाखोरी और शोषण का हथियार दे दिया हैं,जिसे वे राजनीतिक सत्ता को साथ लेकर अंजाम दे रहें हैं। बेरोजगारी, गरीबी, भुखमरी,महामारी, जीने के लिए जरूरी सभी साधन इन शक्तियों के हाथों में सीमिट कर रह गये हैं।
यही कारण है कि दलित,गरीब, पिछडा़ वर्ग, मिडिल क्लास, अपर मिडिल क्लास आदि के ज्वलंत सवाल परिदृश्य से गायब से होते जा रहे हैं! आज हम आत्मनिर्भर नहीं हो रहे हैं, अपितु हमारी संपूर्ण अर्थव्यवस्था ही मंदी की चपेट में है !
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