सोमवार, 19 अप्रैल 2021

कोरोना संकटकाल में हमें मालूम पड़ा कि:-

1. अब अमेरिका अग्रणी और सुरक्षित देश नहीं!

2. चीन अंतर्राष्ट्रीयतावादी नही है!बल्कि वह घोर विस्तारवादी है और अति वैज्ञानिकता एवं भौतिकवाद के चक्कर में वह विश्व विरादरी की परवाह नही करता,विश्व कल्याण की नही सोचता!
3. यूरोपियन उतने सभ्य शिक्षित और सुरक्षित नहीं जितना उन्हें समझा जाता रहा है !
4. हम भारतीय अपनी छुट्टियॉ बिना यूरोप या अमेरिका गये यहीं आनन्द से बिता सकते हैं।कोरेंटाईन में रहने के बाद हम जान पाए कि श्रीराम लक्ष्मण सीता का 14 साल का वनवास और पांडवों का 12+1=13 साल का वनवास तत्कालीन दुनिया को बदलने में काम आये!
5. भारतीयों की रोग प्रतिरोधक क्षमता विश्व के अन्य लोगों से ज्यादा नही तो कम भी नही हैं ।
6. स्वास्थ्यकर्मी, पुलिसकर्मी, शिक्षाकर्मी, प्रशासनकर्मी और दिन-रात लोगों के सेवा में नि:स्वार्थ भाव से लगे स्वयंसेवी ही हमारे असली हीरो हैं ना कि तथाकथित नेता, क्रिकेटर या फिल्मी सितारे !
7. बिना उपभोग के विश्व में सोना चॉदी व पैट्रोलियम उत्पादों का कोई महत्व नहीं।
8. पहली बार पशु व परिन्दों को लगा कि वे मनुष्यों से बेहतर इम्मुनिटी रखते हैं और यह संसार उनका भी है।
9. रात को तारे वास्तव में टिमटिमाते हैं यह विश्वास महानगरों के बच्चों को पहली बार हुआ।
10. विश्व के अधिकतर लोग अपना कार्य घर से भी कर सकते हैं।
11. हम और हमारी सन्तान बिना 'जंक फूड' के भी जिन्दा रह सकते है।
12. एक साफ सुथरा व स्वच्छ जीवन जीना कोई कठिन कार्य नहीं है।
13. झाड़ू,पोछा,बर्तन मांजना, कपड़े धोना, भोजन पकाना, केवल स्त्रियां ही नहीं जानती! पुरुष भी यह काम कर सकते हैं!
14. प्रिंट मीडिया और सरकारी दूरदर्शन को छोड़कर ज्यादातर मीडिया केवल झूठ और बकवास का पुलिन्दा है।
15.अभिनेता केवल मनोरंजनकर्ता नहीं हैं, बल्कि सामाजिक कार्यकर्ता और दान धर्म भी करते हैं,हालांकि राष्ट्रीय संकटकाल में वास्तविक नायक तो ऑन ड्यूटी डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ ही होते हैं!
16.भारतीय नारी कि वजह से ही हर घर एक मंदिर है!
17. भारत में बलिदानी हर दौर में पैदा होते हैं?!
19.कठिन समय को सही तरीक़े से भारतीय भी फेस करना जानते हैं!
20. सामूहिक परिवार, एकल परिवार से अच्छा होता है।
20-प्रधानमंत्री कोई भी हो राष्ट्रीय परंपरगत शक्तियां देश को संकट से उबार ही लेती हैं!

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