जहाँ दाँत हुए वहाँ चने नहीं ,जहाँ चने हुए वहाँ दाँत नहीं।
जहाँ स्वारथ है वहाँ प्रीत नहीं ,जहाँ चाहत है वहाँ घात नहीँ।।
जहाँ हेलमेट नहीं वहाँ पेट्रोल नहीं ,शौचालय नहीं तो गैस नहीं।
राशनकार्ड नहीं तो राशन नहीं, आई डी प्रूफ नहीं तो आधार नहीं।।
आधार नहीं तो सब्सिडी नहीं ,कोई नागरिक पहचान नहीं ।
बैंकिंग लेंन -देन व्यवहार नहीं , रोजगार आसान नहीं।।
बिना घूस कोई काम नहीं , काम नहीं तो जीना आसान नहीं।
इतने पर भी यदि कोई जिन्दा है ,तो वो देवता है इंसान नहीं ।।
सूखा है तो कृषि नहीं ,कृषि नहीं तो भोजन भाजी अन्न नहीं ।
अन्नदाता के यहाँ अन्न नहीं, तो व्यापारी के यहाँ भी पण्य नहीं।।
आतंकवाद है तो अमन नहीं ,अमन नहीं तो विकास नहीं।
विकास नहीं तो खुशहाली नहीं, और किसी की खैर नहीं।।
श्रीराम तिवारी
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