सभी देशवासियों के लिए यह एक सकारात्मक और सुखद खबर है कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने मान लिया है कि वे सिर्फ भाजपा या 'संघ परिवार' के प्रधान मंत्री नहीं हैं, बल्कि वे पूरे भारत के प्रधान मंत्री हैं। संसद सत्र के पूर्व सर्वदलीय बैठक में विपक्ष द्वारा उठाये गए सवालों के बरक्स पीएम मोदी ने कल यह आश्वाशन दिया है। इसमें कोई शक नहीं कि सम्पूर्ण विपक्ष तो मोदी जी को सौ फीसदी प्रधान मंत्री मानता है। इसीलिये उनके आमंत्रण पर इस बैठक में सभी विपक्षी दल उपस्थ्ति हुए ! लेकिन ऐंसा आभासित हो रहा है कि सत्ता पक्ष में कुछ विक्षिप्त मानसिकता से ग्रस्त लोग अपने अलावा किसी और को राष्ट्रवादी या देशभक्त नहीं मानते ! शायद भाजपा प्रवक्ताओं ने तो 'अंधराष्ट्रवाद' का सर्टिफिकेट बाँटने का काम भी अपने हाथों में ले रखा है। कुछ सड़कछाप भाजपा नेता[ओ पी शर्मा जैसे ] कोर्ट और पुलिस के सामने ही छात्रों और पत्रकारों की मार-कुटाई करने को अपना जन्म सिद्ध अधिकार समझते हैं। उस नेक बन्दे का तो यह भी कहना है कि 'यदि मेरे हाथ में बन्दूक होती तो गोली मार देता '! कोई भी पूंछ सकता है कि ' भाई तूँ काहे का राष्ट्रवादी और कैसा देशभक्त है ? जब अपने कानून और सम्विधान को ताक पर रखकर ,सरे राह कौड़िल्ला छाप दादागिरी से पेश आ रहा है ? गनीमत है कि अभी तो वो सिर्फ विधायक ही है । यदि कभी देश के दुर्भाग्य से मिनिस्टर बन गया तब क्या होगा ? तब वो एटम बम का प्रयोग क्यों नहीं करेगा ? और हिटलर की औलाद कहलाने की यही तो खास वजह है। ढपोरशंखी भाजपा प्रवक्ताओं ने विपक्ष के खिलाफ - इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर कोहराम मचा रखा है। इधर सोशल मीडिया पर भी सत्ता के समर्थक कुछ सपोले लगातार विषवमन किये जा रहे हैं। राष्ट्र - विरोधी नारेबाजी के लिए जिम्मेदार इक्का-दुक्का छात्रों को समझाइश देने के बजाय पत्रकारों ,छात्रों और विपक्षी नेताओं पर हमले करना -कौनसा राष्ट्रवाद है ? विरोध की आवाज को दबाने या सूली पर लटकाने का पुख्ता इंतजाम किया जा रहा है। इससे तो देश में अलगाव और पनपेगा। इसके लिए वही जिम्मेदार होंगे जो राष्ट्रवाद के नाम पर शुद्ध फासिज्म परोस रहे हैं ! श्रीराम तिवारी !
बुधवार, 17 फ़रवरी 2016
राष्ट्रवाद के नाम पर शुद्ध फासिज्म परोसा जा रहा है !
सभी देशवासियों के लिए यह एक सकारात्मक और सुखद खबर है कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने मान लिया है कि वे सिर्फ भाजपा या 'संघ परिवार' के प्रधान मंत्री नहीं हैं, बल्कि वे पूरे भारत के प्रधान मंत्री हैं। संसद सत्र के पूर्व सर्वदलीय बैठक में विपक्ष द्वारा उठाये गए सवालों के बरक्स पीएम मोदी ने कल यह आश्वाशन दिया है। इसमें कोई शक नहीं कि सम्पूर्ण विपक्ष तो मोदी जी को सौ फीसदी प्रधान मंत्री मानता है। इसीलिये उनके आमंत्रण पर इस बैठक में सभी विपक्षी दल उपस्थ्ति हुए ! लेकिन ऐंसा आभासित हो रहा है कि सत्ता पक्ष में कुछ विक्षिप्त मानसिकता से ग्रस्त लोग अपने अलावा किसी और को राष्ट्रवादी या देशभक्त नहीं मानते ! शायद भाजपा प्रवक्ताओं ने तो 'अंधराष्ट्रवाद' का सर्टिफिकेट बाँटने का काम भी अपने हाथों में ले रखा है। कुछ सड़कछाप भाजपा नेता[ओ पी शर्मा जैसे ] कोर्ट और पुलिस के सामने ही छात्रों और पत्रकारों की मार-कुटाई करने को अपना जन्म सिद्ध अधिकार समझते हैं। उस नेक बन्दे का तो यह भी कहना है कि 'यदि मेरे हाथ में बन्दूक होती तो गोली मार देता '! कोई भी पूंछ सकता है कि ' भाई तूँ काहे का राष्ट्रवादी और कैसा देशभक्त है ? जब अपने कानून और सम्विधान को ताक पर रखकर ,सरे राह कौड़िल्ला छाप दादागिरी से पेश आ रहा है ? गनीमत है कि अभी तो वो सिर्फ विधायक ही है । यदि कभी देश के दुर्भाग्य से मिनिस्टर बन गया तब क्या होगा ? तब वो एटम बम का प्रयोग क्यों नहीं करेगा ? और हिटलर की औलाद कहलाने की यही तो खास वजह है। ढपोरशंखी भाजपा प्रवक्ताओं ने विपक्ष के खिलाफ - इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर कोहराम मचा रखा है। इधर सोशल मीडिया पर भी सत्ता के समर्थक कुछ सपोले लगातार विषवमन किये जा रहे हैं। राष्ट्र - विरोधी नारेबाजी के लिए जिम्मेदार इक्का-दुक्का छात्रों को समझाइश देने के बजाय पत्रकारों ,छात्रों और विपक्षी नेताओं पर हमले करना -कौनसा राष्ट्रवाद है ? विरोध की आवाज को दबाने या सूली पर लटकाने का पुख्ता इंतजाम किया जा रहा है। इससे तो देश में अलगाव और पनपेगा। इसके लिए वही जिम्मेदार होंगे जो राष्ट्रवाद के नाम पर शुद्ध फासिज्म परोस रहे हैं ! श्रीराम तिवारी !
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