इंकलाब ज़िंदाबाद !
progressive Articles ,Poems & Socio-political -economical Critque !
शनिवार, 20 फ़रवरी 2016
देशभक्तों के राज में ,नेता खुद जज बन रहा है।
निर्दोष छात्र को पीटने वाला ,खीसें निपोर रहा है।।
जेएनयू सुलग रहा और ,हरियाणा जल रहा है।
अच्छे दिनों का आमद ,क्या खाक हो रहा है।।
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