वैसे तो भारतीय सनातन परम्परा में 'ईर्ष्या ' का सर्वत्र निषेध है। किन्तु सकारात्मक सोच के धनी पाश्चत्य विचारक -पाउलो कोएल्हो- को इस ईर्ष्या नामक मानसिक व्याधि में भी उपादेयता नजर आ रही है। पेश है :-
"हमें ईर्ष्या करने वाले व्यक्तियों से नफरत नहीं करनी चाहिए !वे हमसे ईर्ष्या इसलिए करते हैं ,क्योंकि वे हमें उनसे बेहतर और खुद को हमसे कमतर समझते हैं "
श्रीराम तिवारी
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