बुधवार, 16 अगस्त 2023

Happy_77th_Independence_Day

 #Happy_77th_Independence_Day

*आजादी बंदूक के आगे से गाय की चर्बी हटाने के विरोध करने एवम चरखे के चलाने मात्र से नही मिली।
आजादी मिली है,गुरु गोरखनाथ,बप्पा रावल,गुरु नानक, तुलसी,रहीम,कबीर,बिहारी,मलूकदास पलटूदास,केशवदास,भूषण समर्थ रामदास जैसे भक्तिकालीन कवियों और सिदो कानू, फूलो झानू, तिलका मांझी, वीर बुधु भगत, टंट्या भील, मानगढ़ के 1507 शहीद, बिरसा मुंडा और इनके जैसे अन गिनत गुमनाम नायकों के संघर्ष तथा राष्ट्रभक्ति के जुनूनी सहयोग से मिली है।।देश को विदेशियों से स्वतंत्रता दिलाने वाले नायकों को सादर वंदन भावपूर्ण अभिवादन।
जैसे भी हो,गौ वध और कारतूस में उसकी चर्बी पर विद्रोह करने वाले शहीद मंगल पांडे को या विदेशी का विरोध व स्वदेशी की स्थापना हेतु चरखे वाले महात्मा गांधी को सारा संसार जानता है! उनके चरखे को भी सारा संसार जानता है! हमारे शहीद मंगल पांडे का नाम हर भारतीय को हौसला देता है ! महात्मा गाँधी का नाम सारे विश्व को हौसला देता है।
दरसल अंग्रेजों ने तो मंगल पांडे के शरीर को मारा, लेकिन आजादी के बाद 70 साल तक जो शासन करते रहे उन्होंने एक परिवार को महिमा मंडित करते रहने के फेर में,अल्पसंख्यक वर्ग और आरक्षण के फेर में अपनी हीनता के आवेग में महात्मा गांधी और मंगल पांडे की आत्मा को ही मार डाला
यदि आप भारत का मध्ययुगीन इतिहास पढ़ेंगे तो पाएंगे कि यदि भील जनजाति/आदिवासी मदद नही करते तो राणा प्रताप संघर्ष नही कर पाते और पिछड़े दलित वीरों ने छत्रपति शिवाजी को इतना मजबूत बनाया कि वे अपने दुश्मनों से लोहा ले सके।
गोंडवाना के एक शूरवीर गोंड राजा ने कालिंजर महोबा के चंदेल राजा (चंद्रवंशी सवर्ण ) की पुत्री दुर्गावती का हरण कर उसे अपनी रानी बनाया था,जो बाद में विधवा हो गई,उस विधवा रानी दुर्गावती ने मुगलों से संघर्ष किया और झांसी की रानी लक्ष्मीबाई ने मैदाने जंग में अंगेजों से संघर्ष करते हुए वीरगति प्राप्त की।
रानी दुर्गावती ने किसी क्षत्रिय राजा या सवर्ण हिंदू की निंदा करके नाम नही कमाया,बल्कि खुद मैदाने जंग में बर्बर मुगलों से युद्ध करते हुए वीरगति पाई। इसी तरह रानी कमलापति भी आदिवासी थीं और ज़्यादा क्या लिखें वर्तमान महामहिम राष्ट्रपति मुर्मू महोदया भी किसी दिवंगत शहीद को कमतर बताकर या सवर्णों की निंदा कर इस उच्चतर मुकाम पर नही पाया। खुद की योग्यता से आगे बढ़ते चले गए, महापुरूषों और वीरांगनाओं को नमन!
स्वाधीनता संग्राम की कीर्ती अमर रहे। जय हिंद।
जय भारत। जय भारती।
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