सोमवार, 19 सितंबर 2022

सिस्टम है खूंखार

 राजनीति में घुस गई,जात-पाँत की बात !

लोकतंत्र पर हो रहे, सतत घात प्रतिघात!!
सतत घात प्रतिघात,हो रहे निर्बल पर हमले!
नेता देते भाषण, सब खोखले वादे जुमले!!
सिस्टम है खूंखार, बढ़ती जाती घोर विषमता।
मजहब का उन्माद,हर चुनाव में खूब मचलता!!
श्रीराम तिवारी

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